मोहब्बत कैसा बंधन है?
मेरी तन्हाईयाँ अक्सर ये मुझसे पुछा करती है,
मोहब्बत कैसा बंधन है, मोहब्बत कैसे होती है,
तो मैं इज़हार करती हूँ, मोहब्बत ऐसा दरिया है,
के जिस में डूब जाने से बहोत आराम मिलता है.
मोहब्बत एक खुशबू है जो एक आंगन में महेकती है,
मोहब्बत ऐसा सावन है जो आँखों से बरसता है,
मोहब्बत ऐसी बस्ती है के जिसमे रहने वाला कोई भी प्यासा नहीं रहता,
मोहब्बत ऐसा जीवन है जो मरता है ना मिटता है,
मोहब्बत ऐसी शमां है जो सारी उम्र जलती है,
मोहब्बत एक छाँव है या मन के प्यार जैसा है,
मोहब्बत रूप हैं रब का या रब के प्यार जैसा है.
(Writer : Asima Aijaz)
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