शरारत ना होती शिकायत ना होती,
नैनों में किसी की नजाकत ना होती,
नैनों में किसी की नजाकत ना होती,
ना होती बेकरारी ना होते हम तन्हां,
अगर जहाँ में कमबख्त ये मोहब्बत ना होती.
अगर जहाँ में कमबख्त ये मोहब्बत ना होती.
ना होते ये सपने ये ख्वाबों की दुनिया,
किसी को चाहत की तमन्ना ना होती,
किसी को चाहत की तमन्ना ना होती,
ना जुल्फों की छायाँ ना फूलों की खुशबूं,
यादों में उनकी ये रात ना कटती.
यादों में उनकी ये रात ना कटती.
जो ना होती मोहब्बत ये आंशु ना होते,
दिल भी ना खोता आज तन्हां ना होते,
दीवानों सी अपनी ये हालत नहीं होती,
अगर जहाँ में कमबख्त ...
काश ये मोहब्बत नहीं होती !!!!!!!!!!
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