
मेरी सुबहों को तेरी शामों का, मेरी शामों को तेरे वादों का,
मेरी रातों को तेरी ख्वाबों का, मेरी नीदों को तेरी बाहों का,
मेरे जज्बों को तेरी चाहों का, बहकी बहकी कुछ हवाओं का,
कुछ खुबशुरत गुनाहों का,
इन्तेज़ार इन्तेज़ार इन्तेज़ार रहता है.
अपने दिलवर का अपने हमदम का, अपने जनम का इंतेज़ार रहता है,
सुर्ख फूलों से महका रास्ता है, दिल को मेरे मगर जर्द पत्ता है,
पास आँखों के सब्ज़ मंज़र हैं, दिल का मौसम तो फिर भी बंज़र है,
महके महके कुछ हवाओं का, भींगे भींगे कुछ घटाओं का,
इन्तेज़ार इन्तेज़ार इन्तेज़ार रहता है.
कोई बदली कभी इस तरह भी आएगी, प्यास सदियों की पल बहर में बुझा जायेगी,
तुझको लिटा के अपनी आगोश में, देखना तुम वक़्त की नब्ज़ थम जायेगी,
ऐसा होने के कुछ दुआओं का, उम्र भर जो मिले उन पनाहों का,
इन्तेज़ार इन्तेज़ार इन्तेज़ार रहता है, तेरे आने का तुझको पाने का,
फिर न जाने का इन्तेज़ार रहता है,
इन्तेज़ार इन्तेज़ार इन्तेज़ार रहता है.
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